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बृहस्पति जी की आरती | Brahaspati Ji Ki Aarti

देव आरती संग्रह

श्री बृहस्पति आरती

1

जय बृहस्पति देवा,
ऊँ जय बृहस्पति देवा।

छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी।

जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी॥

॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा…॥

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता।

सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता॥

॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा…॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े।

प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े॥

॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा…॥

2

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी।

पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी॥

॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा…॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो।

विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी॥

॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा…॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे।

जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे॥

॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा…॥

जय बृहस्पति देवा,
ऊँ जय बृहस्पति देवा।

छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा॥

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