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कात्यायनी माता आरती | Katyayani Mata Aarti

देवी आरती संग्रह

Katyayani

कात्यायनी माता आरती | Katyayani Mata Aarti

1

जय जय अंबे जय कात्यायनी।
जय जगमाता जग की महारानी॥

बैजनाथ स्थान तुम्हारी।
वहां वरदानी नाम पुकारा॥

कई नाम है कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है॥

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥

हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते॥

2

कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की॥

झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपनेवाली॥

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो॥

हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी॥

जो भी माँ को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥

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