नवरात्री कन्या पूजन | Navratri Kanya Pujan

नवदुर्गा और नवरात्रि

नवरात्री | कन्या पूजन विधि

कन्या पूजन का नवरात्रि में बहुत महत्त्व है। दुर्गा अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं का माँ दुर्गा के रूप में आदर सत्कार व पूजन आदि करके उन्हें प्रेम पूर्वक भोजन करवाया जाता है।
पुराणों के अनुसार स्वयं ब्रह्मा जी ने कन्या पूजन माँ भगवती को प्रसन्न करने का अच्छा और सरल तरीका बताया है। कन्या पूजन करने से माँ भगवती का आशीर्वाद मिलता है।

महाअष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। कुछ लोग अष्टमी के दिन और कुछ नवमी के दिन कन्या पूजन करते है। परिवार की रीति के अनुसार किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है।
दो साल से दस साल तक आयु की कन्याओं को तथा साथ ही बटुक या लांगुरिया (छोटा लड़का) को खीर , पूरी , हलवा , चने की सब्जी आदि खिलाये जाते है।

  • कन्या भोज और कन्या पूजन के लिए एक दिन पहले कन्याओं को तथा उनके परिवार को निमंत्रण दें ।
  • कन्याओं के आने पर पुष्प वर्षा करके उनका स्वागत करें।
  • कन्याओं को माता स्वरुप मानकर भक्तिभाव से उनके हाथ पैर धुलवाकर उन्हें साफ जगह बिठायें।
  • कन्याओं के मस्तक पर कुमकुम से तिलक करें, अक्षत ( चावल ) लगायें ।
  • लाल फूलों की माला पहनाएं।
  • चुनरी या वस्त्र अर्पित करें।
  • इसके बाद माँ भगवती का ध्यान करके उन्हें उनकी पसंद का भोजन करायें। जितना वे अपनी इच्छा से खायें उतना ही खिलायें । खिलाने के लिए जोर जबरदस्ती ना करें।
  • भोजन के बाद कन्या को फल , मिठाई , दक्षिणा , वस्त्र या उपहार आदि प्रदान करें।
  • पैर छूकर आशीर्वाद लें।
  • कन्याओं को हाथ में थोड़े थोड़े अक्षत दें। जब आप उनके पैर छुएँ तब वे अक्षत आपके सिर पर गिरायें। ये आशीर्वाद स्वरुप होता है।

॥ विसर्जन और जवारे ॥

  • महानवमी के दिन माँ का विशेष पूजन करके पुन: पधारने का आवाहन कर, स्व स्थान विदा होने के लिए प्रार्थना की जाती है।
  • कलश के जल का छिड़काव परिवार के सदस्यों पर और पूरे घर में किया जाता है ताकि घर का प्रत्येक स्थान पवित्र हो जाये।
  • अनाज के कुछ जवारे माँ के पूजन के समय चढ़ाये जाते है।
  • कुछ जवारे दैनिक पूजा स्थल पर रखे जाते है , शेष अंकुरों को बहते पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है।
  • कुछ लोग इन जवारों को शमीपूजन के समय शमी वृक्ष को अर्पित करते हैं और लौटते समय इनमें से कुछ जवारे केश में धारण करते हैं।
error: Content is protected !!