श्री भैरव आरती | Shri Bhairo Baba Aarti
श्री भैरव आरती
1
जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और
गौर देवी कृत सेवा॥
॥ जय भैरव देवा…॥
तुम्ही पाप उद्धारक,
दुःख सिन्धु तारक।
भक्तो के सुख कारक
भीषण वपु धारक॥
॥ जय भैरव देवा…॥
वाहन श्वान विराजत
कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमित तुम्हारी
जय जय भयहारी॥
॥ जय भैरव देवा…॥
तुम बिन देवा
सेवा सफल नहीं होवे।
चौमुख दीपक दर्शन
दुःख खोवे॥
॥ जय भैरव देवा…॥
2
तेल चटकी दधि
मिश्रित भाषावाली तेरी।
कृपा कीजिये भैरव,
करिए नहीं देरी॥
॥ जय भैरव देवा…॥
पाँव घुँघरू बाजत
अरु डमरू दम्कावत।
बटुकनाथ बन बालक
जल मन हरषावत॥
॥ जय भैरव देवा…॥
बटुकनाथ जी की आरती
जो कोई नर गावे।
कहे धरनी धर नर
मनवांछित फल पावे॥
॥ जय भैरव देवा…॥