स्कंदमाता आरती | Skand Mata Aarti
॥ स्कंदमाता आरती ॥
1
जय तेरी हो स्कन्द माता ।
पांचवां नाम तुम्हारा आता ॥
सबके मन की जानन हारी ।
जग जननी सबकी महतारी ॥
तेरी जोत जलाता रहूं मैं ।
हरदम तुझे ध्याता रहूं मै ॥
कई नामों से तुझे पुकारा ।
मुझे एक है तेरा सहारा ॥
कही पहाड़ों पर है डेरा ।
कई शहरों में तेरा बसेरा ॥
2
हर मन्दिर में तेरे नजारे ।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे ॥
भक्ति अपनी मुझे दिला दो ।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो ॥
इन्द्र आदि देवता मिल सारे ।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे ॥
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए ।
तू ही खण्ड हाथ उठाए ॥
दासों को सदा बचाने आयी ।
भक्त की आस पुजाने आयी ॥